गोविंद ज़रूर आयेंगे



 गोविंद ज़रूर आयेंगे


एक तिनका भी बन जाती है तलवार,

यदि हृदय में हो श्रद्धा अपार।


भक्ति में डूबी रहे चेतना बारंबार,

गोविंद कराएँगे हर दुविधा से पार।


 तुम शक्ति, तुम स्वाहा, स्वधा तुम्हीं,

सखी गोविंद की, प्यारी राधा तुम्हीं।


हृदय मे सदा रहे जिसके समर्पण का भाव,

नहीं होने देंगे जीवन में गोविंद कोई अभाव।


गोविंद न आयेंगे...

कहेगा वो, जो बिन भक्ति है,

क्या पता उसे, भक्ति में क्या दिव्य शक्ति है! 


चाहे राजा अंधा बहरा हो या काना,

द्रौपदी की तरह बुलाने पर गोविन्द को होगा आना।


यदि  पूर्ण समर्पण से  बुलाएँगे..,

गोविंद ज़रूर आएंगे, गोविंद ज़रूर आयेंगे।




 सृष्टि सिंह 


Comments

Shweta Singh said…
Oh so beautiful and full of faith.

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