नमो शारदा  

कर हंस की सवारी 
वीणा हाथो में तान 
आयी माँ शारदा 
बाटने ज्ञान। 

लेकर ऋतू बसंत साथ 
 मिटाने अंधकार,
 शुक्ल वर्ण देवी,
कुन्द पुष्प, स्फटिक  माला, 
पुस्तक लेकर हाथ। 

खिल उठी बगिया सारी 
खिल गया संसार,
दूर हुए जैसे ही जड़ता और अज्ञान।
हर तरफ घुला मधुर गीत,
माँ शारदा का जब मिला वरदान। 


सृष्टि सिंह 


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